चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सतलुज-यमुना लिंक का मंगलवार को विरोध करते हुए चेतावनी दी कि अगर हरियाणा के साथ पानी साझा करने की बात कही, तो पंजाब जल जाएगा। अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के अपने समकक्ष मनोहर लाल खट्टर और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ एक बैठक में कहा कि सतलुज-यमुना लिंक एक भावनात्मक मुद्दा है और इससे देश की सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है।
Sutlej-Yamuna Link Canal: If water is supplied to Haryana, Punjab will burn – Captain Amarinder Singh
Chandigarh. Protesting the Sutlej-Yamuna link on Tuesday, Punjab Chief Minister Amarinder Singh warned that if it talks of sharing water with Haryana, Punjab will burn. Amarinder Singh said in a meeting with his Haryana counterpart Manohar Lal Khattar and Union Water Power Minister Gajendra Singh Shekhawat that the Sutlej-Yamuna link is an emotional issue and could harm the security of the country.
ये बैठक सुप्रीम कोट के निर्देश पर हुई थी, जिसमें पिछले महीने दो मुख्यमंत्रियों से सतलुज-यमुना लिंक नहर के पूरा होने पर चर्चा की गई थी, जो कई दशकों से पाइप लाइन में है। पंजाब का कहना है कि वह हरियाणा और राजस्थान के साथ पानी साझा करने के लिए अनिच्छुक है और उसके पास फालतू पानी नहीं है।
पंजाब सरकार के एक बयान के अनुसार, अमरिंदर सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शेखावत से कहा, ष्आपको राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से इस मुद्दे को देखना होगा।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि यदि आप सतलुज-यमुना लिंक के साथ आगे बढ़ने का फैसला करते हैं, तो पंजाब जल जाएगा और यह एक राष्ट्रीय समस्या बन जाएगी, जिसका हरियाणा और राजस्थान पर भी असर पड़ेगा।
खट्टर और शेखावत दिल्ली से बैठक में शामिल हुए। खट्टर ने बाद में कहा कि इस मुद्दे पर दोनों मुख्यमंत्री फिर से मिलेंगे।
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को साथ बैठकर हल निकालने के निर्देश दिए थे। अदालत ने दोनों पक्षों को इसके लिए तीन हफ्ते का समय दिया था।
यह है विवाद
हरियाणा 1 नंवबर 1966 को पंजाब से अलग हुआ है। राज्यों के बंटवारे के समय पानी का बंटवारा नहीं हो सका था। इसके कुछ सालों के बाद केंद्र ने हरियाणा को 3।5 एमएएफ पानी आवंटित किया, जिसे लाने के लिए 212 किमी लंबी सतलुज यमुना लिंक नहर बनाने का फैसला हुआ था।
हरियाणा ने इसके लिए अपने हिस्से की 91 किमी नहर का निर्माण पूरा कर लिया है, लेकिन पंजाब इसके लिए विरोध जता रहा है।